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Aim
संस्था के
उद्देश्य
1: भारतीय संविधान में प्रदत्त मानवाधिकारो का संरक्षण एवं कर्तव्यो का प्रषिक्षण।
2: जन समस्याओं का निस्तारण, विधि कारण बताओ नोटिस से लेकर माननीय स्थानीय न्यायालय, उच्च न्यायालय, सर्वोचच न्यायालय से लेकर मानवाधिकार आयोग तक शीघ्र निस्तारण के लिये जनमानस का सहयोग एवं प्रयास।
3: मानवाधिकारों का हनन एवं उसकी सुरक्षा आज के सबसे चर्चित विषय है। दुर्भाग्य यह है कि इन अधिकारो की सुरक्षा का दायित्व सरकारी शासन तंत्र पर है और आज इन्ही के द्वारा इसका उल्लंघन किया जा रहा है। इससे अधिक दुर्भाग्य यह है कि जनता ये ही नही जान पाती कि उसके अधिकारो का हनन भी हो रहा है। और जो लोग ये समझ भी जाते है उनको ये नही मालूम होता है कि उनके अधिकारो का हनन होने पर वो कहा षिकायत करे। भारतीय न्यायालयो पर मानवाधिकारो की सुरक्षा का दबाब निरन्तर बढ़ रहा है। जनहित याचिकाये इसका स्पष्ट प्रमाण है।
4: सुदृढ़ लाॅ डिवीजन की उपलब्धि आदि सुविधाओ से युक्त मानवाधिकार सुरक्षा एवं संरक्षण आर्गनाइजेषन जन समस्ओ के निस्तारण हेतु समस्त जन मानस एवं कर्मष्ठ कार्यकर्ताओ एवं नवयुवक एवं नवयुवतियो से आव्हान करता है कि आप हमे सहयोग दे हम आपको अधिकार एवं न्याय दिलायेगे।
5: गाँव-गाँव, गली -गली में जन-जन में अपने अधिकारो, कर्तव्यों और शासन की अन्यायकारी योजनाओ का प्रचार-प्रसार हो तथा सभी उसका लाभ उठा सके। 6. आतंक, शोषण, अत्याचार, दुराचार, हिंसा और अपमान से पीड़ित व्यक्ति अपनी व्यथा का निवेदन संस्था के माध्यम से राज्य मानवाधिकार आयोग एवं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक पहुच सके।
6: संस्थान की इकाइया स्थानीय स्तर पर असंवैधानिक, अनैतिक आतंकित करने वाली नीतियाँ, सामाजिक विधानकारी प्रवृत्तियों जन स्वास्थ्य और सुविधा उपेक्षा करने वाले कार्यो, व्यक्यिों के अधिकार और सम्मान के विरूद्ध किये जाने वाले आचरणो समाज को दी जाने वाली सुविधाओं को यथा समय यथा मात्रा न वितरित करने वाले घटको की क्रियाओ, नीतियो का स्थानीय इकाइयां या तो स्वयं संज्ञान में लेकर या पीड़ित व्यक्ति द्वारा आवेदन करने पर या लेकतंत्र के चैथे स्तम्भ तथा समाज और राष्ट्र के दर्पण कहे जाने वाले मीडिया के माध्यम से संज्ञान में लेकर स्थानीय स्तर पर विरोध करती है। समाधान प्राप्त करने के लिये प्रदेष से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक प्रयास करती है।
7: पर्यावरण सुधार हेतु पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन छोटे स्तर से बड़े स्तर तक करना, इसके लिये वेविनारो का आयोजन करना, वृक्षारोपण कार्यक्रमो का आयोजन इस प्रकार करना कि अधिकतर पौधे जीवित रहे।
8: षिक्षा क्षेत्र में निरंतर सुधार हो ऐसी व्यवस्था बनाये मलीन वस्तियों में स्ट्रीट स्कूल खोलकर कूड़ा कचरा या षिक्षा विहीन बच्चों को षिक्षा से जोडकर आर.टी.ई. के तहत स्कूलों में दाखिला करवाना एवं उनकी षिक्षा की समुचित व्यवस्था करना साथ ही ऐसे बच्चे जो षिक्षा से विहीन है उनको षिक्षा की व्यवस्था करना/करवाना।
9: षिक्षा क्षेत्र में निरंतर सुधार हो ऐसी व्यवस्था बनाये मलीन वस्तियों में स्ट्रीट स्कूल खोलकर कूड़ा कचरा या षिक्षा विहीन बच्चों को षिक्षा से जोडकर आर.टी.ई. के तहत स्कूलों में दाखिला करवाना एवं उनकी षिक्षा की समुचित व्यवस्था करना साथ ही ऐसे बच्चे जो षिक्षा से विहीन है उनको षिक्षा की व्यवस्था करना/करवाना।
10: स्वास्थ्य, पर्यावरण और बेरोजगारी उन्मूलन के लिये सामाजिक समन्वय, अंध विष्वास, दहेज उत्पीड़न आदि समस्याओ के समाधान के लिये संस्थान समय समय पर गोष्ठिया वार्ताओ और प्रषिक्षण षिविरो के आयोजनो द्वारा जागरूकता लाने के मानसिक, वैचारिक और व्यवहारिक प्रयास करती है।
11: स्वास्थ्य सम्बंधी मानवाधिकारो को संरक्षण प्रदान करना
12: म्हिलाओ को उचित न्याय दिलाने एवं विधिक सहायता दिलाने हेतु एक विधिक समिति है जिसमें जिला न्यायालय से ले करके उच्चतम न्यायालय तक के वरिष्ठ अधिवक्ता शामिल है।
13: प्रिवारिक मामलो की सुनवाई के लिये परिवार परामर्ष केन्द्रों की स्थापना आ रही है जिसमें अनुभवी परामर्षदाता, विधिक विषंषज्ञ, मनोचिकित्सक आदि विषेषज्ञ होते है। जिनका उद्देष्य संस्था के माध्यम से टूटते एवं विखरते परिवारो को एक जुट करना है।
14: बच्चो के संरक्षण के लिये संस्था अग्रिणी भूमिका निभाती है। संस्था बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्ति कराने के लिये निरंतर अभियान चलाती है। बच्चो को उचित षिक्षा का प्रबंध, उनके चैमुखी विकास हेतु प्रषिक्षण कार्यक्रमो का आयोजन करवाती है। बच्चो को भिक्षावृत्ति से मुक्ति दिलाने हेतु निरंतर प्रयास करती है।
15: वृद्धजनों के संरक्षण हेतु, परिवार द्वारा परेषान किये जाने पर उनको कानूनी मदद देने के साथ उनके रहने, खाने, दवाओ की व्यवस्था करवाना था उनको वृद्धा आश्रम में रखवाने का कार्य कानूनी प्रक्रिया द्वारा किया जाता है।
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